Phir se ud chala lyrics

Phir se ud chala lyrics

Phir se ud chala lyrics

फ़िर से उद चला
उड़ के छोड़ा है जहां नीचे
मैं तुम्हारे अब हूं हवाला
अब घर-घर लॉग बाग, मीलों दूर ये वादियां

फिर दुआ-धुआ तन हर बदली चली आती है छू
पर कोई बदली कभी का करे तन गिला ये भी ना हो
किसी मंज़र पर मैं रूक्का नहीं
कभी खुद से भी मैं मिला नहीं
ये गिला तो है, मैं खफा नहीं
शहर एक से, गांव एक से, लोग एक से, नाम एक
फिर से उड़ चला मैं
मिट्टी जैसे सपने ये कितना भी पालको से झाड़ो
फिर आ जाते हैं
इतने सारे सपने क्या कहूं
किस तरह से मैंने तोड़े हैं, छोड़े हैं, क्यों
मेरे साथ चले, मुझे ले के उड़े, ये क्यों

कभी दाल-दाल, कभी पात-पात
मेरे साथ-साथ, फिरें दर-दार ये
कभी सहेरा, कभी सावन
बनु रावन, जियुं मर मरके
कभी दाल-दाल, कभी पात-पात
कभी दिन है रात, कभी दिन, दिन है
क्या सच है, क्या माया
है दाता, है दाता

इधर उधर, तीतर बिटर
क्या है पता, हवा ले ही जाए तेरी या
खींचे तेरी यादें, तेरी यादें, तेरी या

Phir se ud chala lyrics in English

fly off again
left flying down
I belong to you now
Now every house has a log garden, these valleys are miles away

Then every change of body keeps on touching
But if someone changes sometime, his body should not become dirty.
i didn’t stop at any point
I’ve never even met myself
It’s a grudge, I’m not angry
One city, one village, one people, one name
i fly again
No matter how much you sweep away these dreams like mud
come again
so many dreams what to say
How have I broken, left, why
walk with me, fly with me, why is this

Sometimes lentils, sometimes leaves
Walk with me, door to door
sometimes sahara, sometimes sawan
Banu Ravan, die alive
Sometimes lentils, sometimes leaves
Sometimes day is night, sometimes day is day
what is truth, what is illusion
He is the giver, he is the giver

hither and thither, pheasant biter
Who knows, whether the wind will take you or
draw your memories, your memories, your or

Phir se ud chala lyrics in Marathi

पुन्हा उडून जा
डावे खाली उडत आहे
मी आता तुमचा आहे
आता प्रत्येक घरात लॉग गार्डन आहे, या दऱ्या मैल दूर आहेत

मग शरीरातील प्रत्येक बदल स्पर्श करत राहतो
पण कोणी कधीतरी बदलले तर त्याचे शरीर घाण होऊ नये.
मी कोणत्याही क्षणी थांबलो नाही
मी स्वतःलाही कधी भेटलो नाही
हा राग आहे, मला राग नाही
एक शहर, एक गाव, एक लोक, एक नाव
मी पुन्हा उडतो
कितीही घासून टाकली तरी ही स्वप्ने मातीसारखी
पुन्हा या
खूप स्वप्ने काय सांगू
मी कसे तुटले, सोडले, का
माझ्याबरोबर चाल, माझ्याबरोबर उड, हे का?

कधी मसूर, कधी पाने
माझ्या सोबत चाला, घरोघरी
कधी सहारा, कधी सावन
बानू रावण, जिवंत मर
कधी मसूर, कधी पाने
कधी दिवस रात्र असतो तर कधी दिवस दिवस असतो
सत्य काय आहे, भ्रम काय आहे
तो देणारा आहे, तो देणारा आहे

इकडे तिकडे तिकडे तितर
कोणास ठाऊक, वारा तुम्हाला घेऊन जाईल की नाही
तुमच्या आठवणी, तुमच्या आठवणी, तुमच्या किंवा

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